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पीएम मोदी ने पूरी दुनिया में आयुर्वेद और योग के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया : प्रतापराव जाधव

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जामनगर, 12 जुलाई . आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आई.टी.आर.ए), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत देश का पहला आयुर्वेद संस्थान है, जिसे राष्ट्रीय महत्व का दर्जा प्राप्त है. Saturday को संस्थान का पहला दीक्षांत समारोह केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव की अध्यक्षता में संपन्न हुआ.

उन्होंने से बात करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में आयुर्वेद से संबंधित सभी संस्थानों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया और आयुर्वेद शिक्षण-अनुसंधान की स्थापना की घोषणा की. आयुर्वेद को लेकर इस संस्था में बहुत ही अच्छा काम हो रहा है. इस संस्था के चार छात्रों को पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. देश में आयुर्वेद से जुड़े बड़े-बड़े संस्थानों के उच्च पदों पर यहां से पढ़े हुए छात्र हैं. करीब 68 देशों के बच्चे यहां पढ़ाई कर रहे हैं और यहां पर आने के लिए उत्सुक हैं. संस्थान में कई यूनिक काम हो रहे हैं, जो बाहर नहीं देखने को मिलते हैं. पीएम मोदी ने योग और आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में करने का संकल्प लिया है.”

केंद्रीय राज्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, “आयुर्वेद शिक्षण व अनुसंधान संस्थान (आई.टी.आर.ए), जामनगर के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होकर अत्यंत गर्व की अनुभूति हुई. यह ऐतिहासिक अवसर भारत में आयुर्वेदिक शिक्षा और अनुसंधान की दिशा में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है. नव-दीक्षित विद्यार्थियों, विद्वान शोधार्थियों एवं समर्पित शिक्षकों से संवाद कर उनका उत्साह और समर्पण देखना प्रेरणादायक रहा. आई.टी.आर.ए, पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का अद्भुत समन्वय करते हुए राष्ट्रीय उत्कृष्टता का केंद्र बन चुका है. ऐसे संस्थान आयुष समृद्ध भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं. सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई.”

दीक्षांत समारोह के अवसर पर विज्ञान भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. शेखर मांडे तथा आई.टी.आर.ए. की गवर्निंग बॉडी के सदस्य उपस्थित रहे. संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. तनुजा नेसरी एवं उनकी संपूर्ण टीम द्वारा इस प्रथम दीक्षांत समारोह के लिए व्यापक प्रयास किए गए थे. समारोह में कुल 234 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई, जिनमें 143 एम.डी./एम.एस. के चिकित्सक, 35 एम. फार्म (आयुर्वेद), 2 एम. एससी. (मेडिसिनल प्लांट), 33 डिप्लोमा (आयुर्वेद फार्मेसी), 18 डिप्लोमा (नेचुरोपैथी), और 3 पी.जी. डिप्लोमा (वाई.एन.) के विद्यार्थी सम्मिलित थे. विदेशों से आयुर्वेद का अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को भी डिग्री प्रदान की गई.

समारोह में पांच वर्गों के उत्कृष्ट विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किए गए. साथ ही सर्वश्रेष्ठ शोध व सर्वश्रेष्ठ शोध प्रकाशन के लिए दो विशेष मेडल भी प्रदान किए गए. इस दीक्षांत समारोह में कुल दो राष्ट्रीय संस्थानों के साथ एमओयू किए गए. इनमें सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंटरडिसिप्लिनरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी (त्रिवेंद्रम) और फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी (गाजियाबाद) के साथ सहयोग शामिल हैं. इन साझेदारियों के माध्यम से विज्ञान, तकनीक और चिकित्सा पद्धतियों के मिलन से नए शोध व जनस्वास्थ्य संबंधी कार्य होंगे.

एससीएच/एबीएम

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