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कौन कहता है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता, जरा पहलगाम की घटना को देखो : धीरेंद्र शास्त्री

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छतरपुर, 24 अप्रैल . पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देशभर में रोष देखने को मिल रहा. बुधवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने आतंकी हमले की निंदा की. उन्होने कहा कि हिंदुओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वो हिंदुस्तान में भी खतरे में हैं, जहां पर उनकी आबादी 80 प्रतिशत है.

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री वीडियो के माध्यम से बोला, “हिंदुस्तान में ही हिंदू होना अगर घातक हो जाए, इससे बड़ा कोई दुर्भाग्य नहीं होगा. पहलगाम में जो घटना हुई, वो इस सदी की सबसे कि निंदनीय घटना है. उन्होंने न जाति पूछा कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या सेवक हो. उन्होंने एससी, एसटी और ओबीसी के बारे में नहीं पूछा, उन्होंने भाषा के बारे में नहीं पूछा, बल्कि उन्होंने सिर्फ पूछा क्या तुम हिंदू हो और इसके बाद गोली मार दी. इससे बड़ा दुर्भाग्य इस देश का कभी नहीं हो सकता है.”

उन्होने आगे कहा, “हिंदुओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह हो गई कि हिंदुस्तान में ही हिंदू होने पर खतरा है, जहां पर हिंदू 80 प्रतिशत है, वहां खतरा है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हम बंटे हैं. पहलगाम में 26 जिंदगियां उजड़ गई, किसी का भाई, किसी का पिता, उनका पूरा पर‍िवार उजड़ गया. बालाजी से प्रार्थना है कि परिवार को बल मिले.”

उन्होंने आगे कहा, “इस घटना ने हिंदुओं के लिए बड़ी चिंता जाहिर कर दी है. कौन कहता है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता. जरा पहलगाम की घटना को देख लो. इस घटना ने हृदय को झकझोर द‍िया और मन को तोड़ दिया है. इस घटना ने हमें पुन:विचार करने पर छोड़ दिया है. हमें ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए, पाकिस्तान सुधर नहीं सकता. हम कहना चाहेंगे कि अगर हिंदू अब नहीं जगे, तो कभी नहीं जगेंगे. इसलिए हम सबको एकजुट होकर अपनी शक्ति को बढ़ाना पड़ेगा. शस्त्र और शास्त्र दोनों का संवर्धन, दोनों का संरक्षण करना पड़ेगा. हिंदुओं जागो.”

एससीएच/

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