मुंबई, 9 मई . भारत के वेयरहाउसिंग सेक्टर में जनवरी-मार्च तिमाही में 16.7 मिलियन स्क्वायर फीट की लीजिंग गतिविधि देखने को मिली है. इसमें सालाना आधार पर 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. यह जानकारी शुक्रवार को जारी हुई रिपोर्ट में दी गई.
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की पहली तिमाही में देश के शीर्ष आठ वेयरहाउसिंग बाजारों में मजबूती देखी गई है. इसकी वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आना था. जनवरी-मार्च अवधि में इस सेक्टर के वेयरहाउसिंग लीजिंग वॉल्यूम 94 प्रतिशत बढ़कर 8 मिलियन स्क्वायर फीट हो गए हैं.
कुल वेयरहाउसिंग मांग में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि ई-कॉमर्स सेक्टर की ओर से वेयरहाउसिंग स्पेस की मांग में 151 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और इसकी वजह छोटा आधार था.
थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स की वेयरहाउसिंग लीजिंग वॉल्यूम में 12 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है और हालांकि, कुल हिस्सेदारी घटकर 23 प्रतिशत रह गई, जो इस क्षेत्र की गतिशीलता में बदलाव को दर्शाता है.
वेयरहाउसिंग सेक्टर के कुल लेनदेन में मुंबई की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत रही और वॉल्यूम 4.4 मिलियन स्क्वायर फीट रही है. इसके बाद पुणे, चेन्नई और एनसीआर का स्थान था. इन सभी शहरों की हिस्सेदारी करीब 16-17 प्रतिशत के बीच रही है.
रिपोर्ट में बताया गया कि पुणे और चेन्नई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मुख्य चालक रहा जबकि थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने एनसीआर में मार्केट वॉल्यूम को बढ़ाया है. चेन्नई और हैदराबाद के बाजारों में क्रमशः 154 प्रतिशत और 137 प्रतिशत की सबसे अधिक वॉल्यूम वृद्धि देखी गई.
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “नए टैरिफ माहौल से वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं पर असर पड़ने के बावजूद भारतीय वेयरहाउसिंग बाजार ने 2025 की पहली तिमाही में निरंतर प्रदर्शन किया है. वैश्विक कंपनियों द्वारा तेजी से अपनाई जा रही चीन+1 रणनीति और ‘मेक इन इंडिया’ पर सरकार के फोकस से देश तेजी से मैन्युफैक्चरिंग को आगे बढ़ा रहा है.”
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एबीएस/
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