New Delhi, 20 अगस्त . वीबी चंद्रशेखर का नाम भारत के मशहूर क्रिकेटर्स में शुमार है, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया. चंद्रशेखर आक्रामक बल्लेबाजी और तेज रन बनाने की क्षमता के लिए जाने जाते थे.
वीबी चंद्रशेखर ने रणजी ट्रॉफी में तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व करते हुए कई यादगार पारियां खेलीं. उनका योगदान भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण रहा. हालांकि, टीम इंडिया में उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिल सका.
21 अगस्त 1961 को मद्रास में जन्मे वक्कदै बिक्शेश्वरन चन्द्रशेखर घरेलू स्तर पर तमिलनाडु के अहम बल्लेबाजों में शुमार थे. चंद्रशेखर ने रणजी ट्रॉफी 1987-88 में इस टीम के लिए 551 से ज्यादा रन बनाए.
1988-89 में शेष भारत के खिलाफ चंद्रशेखर ने सिर्फ 56 गेंदों में शतक पूरा किया था. यह उस दौर में प्रथम श्रेणी मुकाबले के दौरान किसी भारतीय बल्लेबाज का सबसे तेज शतक था.
इस पारी ने चंद्रशेखर को सुर्खियों में ला दिया. उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की वनडे टीम में मौका दिया गया. भारत ने पांच मुकाबलों की इस सीरीज को 4-0 से जीता, लेकिन चंद्रशेखर इस सीरीज में 10, 9, 53 और 1 रन की पारियां ही खेल सके.
हालांकि, 1989-90 के सत्र में दलीप ट्रॉफी के दौरान उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा. चंद्रशेखर ने दो शतक जड़े, जिसके बाद साल 1990 में उन्हें न्यूजीलैंड दौरे पर त्रिकोणीय सीरीज में मौका मिला.
चंद्रशेखर न्यूजीलैंड के खिलाफ बतौर सलामी बल्लेबाज उतरे और तीन गेंदों में सिर्फ चार रन बनाकर आउट हो गए. इसी सीरीज में चंद्रशेखर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 8 और 3 रन की पारियां खेलीं.
वीबी चंद्रशेखर कई वर्षों तक रणजी ट्रॉफी में तमिलनाडु के अहम खिलाड़ी रहे. उन्होंने 1991-92 सीजन में 572 रन बनाए. पेशेवर खिलाड़ी के रूप में गोवा से जुड़ने से पहले कुछ वर्षों तक तमिलनाडु की कप्तानी भी की.
वीबी चंद्रशेखर ने भारत की ओर से 7 वनडे मुकाबले खेले, जिसमें 12.57 की औसत के साथ सिर्फ 88 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से एक अर्धशतक निकला.
भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चंद्रशेखर का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा, लेकिन घरेलू स्तर पर इस खिलाड़ी ने बल्ले से चमक बिखेरी.
चंद्रशेखर ने 81 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में 43.09 की औसत के साथ 4,999 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 10 शतक और 23 अर्धशतक निकले. वहीं, 41 लिस्ट-ए मुकाबलों में इस खिलाड़ी ने 26.32 की औसत के साथ 1,053 रन बनाए. इसमें सात अर्धशतक भी शामिल थे.
बतौर खिलाड़ी संन्यास के बाद चंद्रशेखर ने कोच के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं. 15 अगस्त 2019 को इस दिग्गज क्रिकेटर ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
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आरएसजी
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