वाराणसी, 29 सितंबर . नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. यह दिन शक्ति, साहस के साथ ही नकारात्मकता के विनाश का प्रतीक माना जाता है. मां कालरात्रि का रूप देखने में भयंकर जरूर है, लेकिन यह रूप भक्तों की रक्षा के लिए है.
मान्यता है कि जो साधक सच्चे मन से मां कालरात्रि की आराधना करता है, उसके सभी भय, दु:स्वप्न, संकट और मायावी प्रभाव समाप्त हो जाते हैं.
काशी स्थित मां कालरात्रि मंदिर इस उपासना का एक प्रमुख केंद्र है. यह मंदिर उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी (काशी) में कालिका गली के नाम से जानी जाने वाली एक संकरी गली में स्थित है.
नवरात्रि के दौरान, विशेषकर सप्तमी तिथि को, यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. भक्त मां के दर्शन कर अपने जीवन में आ रहे संकटों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं.
मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत प्रभावशाली होता है. उनका रंग गहरा नीला या काला होता है, जो अंधकार और अज्ञान पर विजय का प्रतीक है. उनके चार हाथ होते हैं, जिनमें एक हाथ वरदान देने वाला है और दूसरा भय को दूर करने वाला. शेष दो हाथों में अस्त्र-शस्त्र होते हैं. वे गर्दभ (गधे) पर सवार होती हैं और उनका यह रूप दर्शाता है कि वे संसार के सबसे भयावह पहलुओं से भी निडर होकर सामना करती हैं.
काशी के इस मंदिर की परंपराएं प्राचीन काल से चली आ रही हैं. यहां विशेष अवसरों पर मंत्र-जाप, हवन, और विशेष आरती का आयोजन किया जाता है, जिससे मंदिर परिसर शक्ति और दिव्यता से भर जाता है.
श्रद्धालु मानते हैं कि यहां की गई पूजा से मानसिक बल, आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है.
यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक, और शाम 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है.
काशी के अलावा India के विभिन्न हिस्सों में भी मां कालरात्रि की पूजा होती है, लेकिन काशी का यह मंदिर विशेष महत्व रखता है, जहां भक्तों को आज भी चमत्कारिक अनुभव होते हैं.
–
पीआईएस/एबीएम
You may also like
Congress Leader Udit Raj's Harsh Remarks About PM Narendra Modi : कांग्रेस नेता उदित राज के पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर बिगड़े बोल, बीजेपी ने किया पलटवार
प्रधानमंत्री के भाई पंकज मोदी ने भगवान बदरी विशाल के किए दर्शन
ट्रेन की चपेट मे आने से एक की मौत
रेडीमेड कपड़ों का ठेला: एक लाभकारी व्यवसायिक विचार
दस लाख साल पुरानी खोपड़ी ने बदल दी इंसानों के विकास की कहानी