रांची, 24 सितंबर . नशा तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) रांची ज़ोनल यूनिट ने बड़ी कार्रवाई की है. ब्यूरो ने तस्करों की अवैध कमाई पर सीधी चोट करते हुए करीब 48.6 लाख रुपये की संपत्ति फ्रीज कर दी है. यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा हेरफेर अधिनियम (साफेमा) के तहत की गई है और सक्षम प्राधिकरण ने इसे मंजूरी भी दे दी है.
यह मामला पिछले साल 8 अगस्त को सामने आया था. उस समय एनसीबी को गुप्त सूचना मिली थी कि बड़ी मात्रा में डोडा (पोपी स्ट्रॉ) की खेप ले जाई जा रही है. टीम ने मांडर स्थित हेसमी टोल प्लाज़ा पर एक वाहन को रोका. तलाशी में 4,317 किलो से ज़्यादा डोडा बरामद हुआ. इस ऑपरेशन में मास्टरमाइंड मोहम्मद इमरान आलम समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
जांच के दौरान पता चला कि आरोपी एक बड़े अंतरराज्यीय ड्रग नेटवर्क से जुड़े हैं, जिसकी डोर Rajasthan तक फैली हुई है. यही नेटवर्क लगातार बिहार और Jharkhand में नशीले पदार्थों की आपूर्ति कर रहा था. एनसीबी अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी की रणनीति सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, अब तस्करों की अवैध संपत्तियों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके. साफेमा के तहत संपत्ति फ्रीज करना उसी दिशा में उठाया गया अहम कदम है.
बताया गया कि जांच अभी जारी है और आरोपियों से जुड़ी अन्य संपत्तियों की भी छानबीन की जा रही है. एजेंसी ने साफ कर दिया है कि आगे भी ऐसी कार्रवाइयां होती रहेंगी. ब्यूरो ने आम लोगों से अपील की है कि वे नशे के खिलाफ इस लड़ाई में सहयोग करें. अगर किसी को नशीले पदार्थों की बिक्री या तस्करी की जानकारी मिले तो राष्ट्रीय नशा विरोधी हेल्पलाइन 1933 पर सूचना दी जा सकती है. सूचना देने वाले का नाम और पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी.
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एसएनसी/डीएससी
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