Next Story
Newszop

तमिलनाडु : सीएम स्टालिन रानीपेट के विस्थापित इरुलार परिवारों को देंगे स्थायी आवास की सौगात

Send Push

चेन्नई, 29 मई . तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन गुरुवार को रानीपेट जिले के अराकोनम के पास मेलपक्कम गांव में 41 विस्थापित इरुलार परिवारों के लिए नवनिर्मित घरों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे.

यह पहल उन आदिवासी परिवारों को स्थायी पुनर्वास प्रदान करती है, जिन्होंने सड़क चौड़ीकरण परियोजना के कारण अपनी जमीन खो दी है.

साल 2023 में, राज्य राजमार्ग विभाग ने कांचीपुरम-अरक्कोणम-तिरुत्तानी रोड (एसएच-58) के विस्तार के लिए जिला प्रशासन की ओर से इन परिवारों को पहले आवंटित पट्टा भूमि का अधिग्रहण कर लिया.

विभाग ने मुआवजे के रूप में 6.32 करोड़ की लागत से नई भूमि उपलब्ध कराने और मकान बनाने की प्रतिबद्धता जताई. 10.70 लाख रुपये की लागत से निर्मित प्रत्येक मकान 355 वर्ग फुट में फैला है और इसमें एक बैठक कक्ष, शयनकक्ष, रसोईघर और संलग्न शौचालय शामिल है.

नए आवासीय एन्क्लेव में 100 लोगों की क्षमता वाला एक सामुदायिक हॉल, एक आंगनवाड़ी केंद्र, एक छोटा मंदिर और एक सुरक्षात्मक परिसर की दीवार भी है. वहीं, आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए पेयजल आपूर्ति के लिए 30,000 लीटर का ओवरहेड टैंक स्थापित किया गया है.

हथकरघा एवं कपड़ा मंत्री आर. गांधी ने जिला कलेक्टर जे.यू. चंद्रकला के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिवारों से बातचीत की तथा उनसे आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को निकटवर्ती स्कूलों में दाखिला दिलाकर शिक्षा को प्राथमिकता दें.

उन्होंने अधिकारियों को आवास क्षेत्र में फलदार पौधे लगाने के भी निर्देश दिए ताकि भविष्य में छाया और अतिरिक्त आय उपलब्ध हो सके.

पुनर्वास और आवास का यह प्रयास एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना एसएच-58 के चौड़ीकरण से निकटता से जुड़ा हुआ है, जो केंद्र के पूर्वी तट आर्थिक गलियारे (ईसीईसी) के तहत चेन्नई-कन्याकुमारी औद्योगिक गलियारे का हिस्सा है.

ईसीईसी का उद्देश्य औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कोलकाता, विशाखापत्तनम, चेन्नई और कन्याकुमारी सहित प्रमुख तटीय शहरों को जोड़ना है.

एशियाई विकास बैंक की ओर से वित्तपोषित इस राजमार्ग उन्नयन कार्य में कांचीपुरम और तिरुत्तनी के बीच 41.77 किलोमीटर का हिस्सा शामिल है.

सड़क को 10 मीटर चौड़े दो लेन वाले गलियारे में विस्तारित किया गया है जिसमें वर्षा जल निकासी के लिए नालियां, फुटपाथ, 18 छोटे पुल और 124 पुलियाएं शामिल हैं.

यह पहल बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति एक संतुलित दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है, तथा यह सुनिश्चित करती है कि प्रभावित समुदाय प्रगति के मार्ग में पीछे न छूट जाएं.

एएसएच/केआर

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now