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केंद्रीय गृह मंत्री पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से राहत

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रांची, 9 अक्टूबर . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तात्कालिक तौर पर कानूनी राहत मिली है.

Jharkhand हाईकोर्ट ने चाईबासा एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से उनके खिलाफ संज्ञान लेने और समन जारी करने के आदेश को रद्द कर दिया है. जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की पीठ ने Thursday को यह आदेश पारित करते हुए मामले को पुनर्विचार के लिए निचली अदालत को वापस भेज दिया.

पीठ ने कहा कि सीनियर मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लेने का आदेश सत्र न्यायालय के आदेश से प्रभावित होकर पारित किया था. मामला वर्ष 2018 के कांग्रेस अधिवेशन में राहुल गांधी के उस बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को “हत्यारा” कहकर संबोधित किया था.

इस बयान के बाद चाईबासा निवासी भाजपा नेता प्रताप कटियार ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया था कि राहुल गांधी ने कहा था, “कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता. कांग्रेसजन किसी हत्यारे को अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते, यह सिर्फ भाजपा में संभव है.”

इस मामले में अप्रैल 2022 में अदालत ने जमानती वारंट और फरवरी 2024 में गैर-जमानती वारंट जारी किया था. राहुल गांधी ने पेशी से छूट के लिए सीआरपीसी की धारा 205 के तहत आवेदन दिया था, जिसे चाईबासा कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने उन्हें कुछ समय तक राहत दी थी और इसके बाद यह याचिका मार्च 2024 में निस्तारित कर दी गई थी.

बाद में चाईबासा कोर्ट ने 22 मई 2025 को दोबारा गैर-जमानती वारंट जारी किया. इसके बाद राहुल गांधी ने 6 अगस्त 2025 को कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति दर्ज कराई, जहां उन्हें सशर्त जमानत दी गई थी. इस बीच उन्होंने Jharkhand हाईकोर्ट में चाईबासा एमपी-एमएलए कोर्ट के संज्ञान लेने और समन जारी करने को एक बार फिर चुनौती दी, जिसपर Thursday को उन्हें राहत मिली है.

एसएनसी/डीएससी

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