रांची, 25 अक्टूबर . रांची में चल रहे दक्षिण एशियाई चैंपियनशिप के दूसरे दिन बीएसएफ के constable रवि कुमार ने देश के लिए रजत पदक जीता. अपनी उपलब्धि से रवि ने बीएसएफ का नाम भी खेलों की दुनिया में प्रतिष्ठित किया है.
रवि कुमार ने शॉटपुट में रजत पदक जीता है. उनकी इस उपलब्धि पर बीएसएफ की तरफ से भी प्रसन्नता व्यक्त की गई.
बीएसएफ के डीजी रवि कुमार की सफलता पर प्रसन्नता जताते हुए उनके योगदान को देश और सीमा सुरक्षा बल के लिए अहम बताया. उन्होंने रवि कुमार के उज्जवल भविष्य की कामना की.
Saturday रांची में चल रही चौथी दक्षिण एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का दूसरा दिन है. एथलीट 12 विभिन्न एथलेटिक स्पर्धाओं में 36 पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. India ने रांची के बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम के पहले दिन पांच स्वर्ण पदक जीतकर अपना दबदबा बनाया.
मेजबान टीम ने पहले दिन नौ श्रेणियों में पांच स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक जीते थे. पुरुषों की 5000 मीटर दौड़ में, देश के प्रिंस कुमार ने 14:22.17 सेकंड का समय निकालकर चैंपियनशिप का पहला स्वर्ण पदक जीता. प्रिंस ने श्रीलंका के वक्षण विक्नाराज को पछाड़ दिया, जिन्होंने रजत पदक जीता. महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में, संजना सिंह ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि उनकी हमवतन सीमा ने रजत पदक जीता. इस तरह India इस स्पर्धा में पहले-दूसरे स्थान पर रहा.
पुरुषों की शॉट पुट स्पर्धा में समरदीप सिंह गिल ने 19.59 मीटर की दूरी तय करके स्वर्ण पदक जीता. श्रीलंका के मिथुनराज ने कांस्य पदक जीता. महिलाओं की शॉटपुट स्पर्धा में India की योगिता ने स्वर्ण और शिक्षा ने रजत पदक जीता. पूर्वा सावंत ने महिलाओं की ट्रिपल जंप में रजत पदक जीता. 4×400 मीटर मिश्रित रिले दौड़ में भी भारतीय धावकों ने स्वर्ण पदक जीता.
24 अक्टूबर से रांची में खेली जा रही दक्षिण एशियाई चैंपियनशिप 27 अक्टूबर 2025 तक खेली जाएगी.
–
पीएके
You may also like

रोहित रॉय ने बेटे को दी 18वें जन्मदिन की बधाई, अभिनेता ने लिखा इमोशनल पोस्ट

खेड़ापति हनुमान मंदिर: भोपाल के हनुमान मंदिर में शिला पर लिखी जाती है मनोकामना

टीम इंडिया को लग सकता है बड़ा झटका, चोट के चलते साउथ अफ्रीका सीरीज से बाहर हो सकते हैं श्रेयस अय्यर

बॉलीवुड के नए वर्जन गानों की चमक, 'एक दीवाने की दीवानियत' से लेकर 'दिलबर' तक

Fatuha Seat: बिहार के फतुहा सीट पर सबसे मजबूत 'C' फैक्टर, अबकी बार गढ़ बचा पाएंगे रमानंद यादव?




