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यूपी : छह जिलों के सर्वोदय विद्यालयों में जल्द पूरा होगा ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण

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लखनऊ, 28 मई . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार वंचित वर्गों के उत्थान के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है. पिछड़े और अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों की शिक्षा में कोई कमी न रह जाए, इसके लिए प्रदेश के छह जिलों में संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों में रहने वाले बच्चों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल तैयार कराए जा रहे हैं, जिससे उन्हें पढ़ाई के दौरान सुरक्षित और बेहतर रहने की सुविधा मिल सके.

राज्य सरकार ने इन हॉस्टलों के निर्माण के लिए कुल 866.56 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की है. यह राशि उन हॉस्टलों के निर्माण के लिए दी जा रही है, जिनका काम पहले से चल रहा था और अब उसे अंतिम रूप देना है. जिन जिलों के विद्यालयों को यह लाभ मिलेगा, उनमें मुर्तजानगर (सीतापुर), मोहम्मदाबाद (फर्रुखाबाद), तीरगांव (बाराबंकी), घोरावल (सोनभद्र) और विशम्भरपुर (गोंडा) के लिए दूसरी किस्त के रूप में 851.98 लाख रुपए और ग्यासपुर (जौनपुर) शामिल हैं.

योगी सरकार ने इन हॉस्टलों का निर्माण जल्द पूरा कर उसे संचालित करने का निर्देश दिया है. समाज कल्याण विभाग के तहत इन ट्रांजिट हॉस्टलों का निर्माण कार्यकारी संस्था यूपी सिडको द्वारा किया जा रहा है. कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारी संस्था को सभी अभिलेख, जैसे एमओयू और तकनीकी स्वीकृति, शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. इन हॉस्टलों के निर्माण से अनुसूचित जातियों और अन्य वंचित समुदायों के बच्चों को आवासीय सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी शिक्षा में निरंतरता सुनिश्चित करना मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश के सर्वोदय विद्यालय आधारभूत सुविधाओं से सुसज्जित हो रहे हैं.

ट्रांजिट हॉस्टल जैसी पहल उन बच्चों के लिए वरदान साबित होगी, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं. यह परियोजना न केवल शिक्षा तक पहुंच को बढ़ाएगी, बल्कि बच्चों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी योगदान देगी. योगी सरकार का यह प्रयास सामाजिक समावेशन और समान अवसरों को बढ़ावा देने की दिशा में एक मील का पत्थर है. उत्तर प्रदेश शिक्षा और समाज कल्याण के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और यह पहल उस दिशा में एक और ठोस कदम है.

योगी सरकार के प्रयासों से 2017 से पहले जहां मात्र 93 सर्वोदय विद्यालय संचालित थे, वहीं 2024-25 तक इनकी संख्या बढ़कर 120 हो गई है. इन विद्यालयों में से 100 वर्तमान में संचालित हैं, जिनमें 70 बालक विद्यालय और 30 बालिका विद्यालय शामिल हैं. इस योजना के तहत हर विद्यालय में 490 छात्रों की क्षमता निर्धारित की गई है, जिससे हजारों छात्रों को लाभ मिल रहा है.

सीएम योगी की मंशानुरूप इन विद्यालयों को आधुनिक और प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली से जोड़ा गया है. वर्तमान में 43 विद्यालय सीबीएसई बोर्ड से और 57 विद्यालय यूपी बोर्ड से संबद्ध हैं. योगी सरकार ने इन विद्यालयों को न केवल पठन-पाठन के बेहतर साधनों से सुसज्जित किया है, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नवीनतम तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं. स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, डिजिटल शिक्षा सामग्री और उच्चस्तरीय पुस्तकालय जैसी सुविधाओं ने इन विद्यालयों को शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्रों में तब्दील कर दिया है.

प्रदेश सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ध्यान में रखते हुए इन विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा, आवासीय सुविधा, छात्रावास, यूनिफॉर्म, पाठ्य-पुस्तकें, स्टेशनरी, दैनिक उपयोग की सामग्री, भोजन और नाश्ते की व्यवस्था की है. इसके तहत अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए 60% आरक्षण, पिछड़ा वर्ग के लिए 25% और सामान्य वर्ग के लिए 15% सीटें आरक्षित की गई हैं.

इस योजना से उन परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है, जिनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में 46,080 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपए तक सीमित है. वर्तमान में इस योजना से 32,538 छात्र लाभान्वित हो रहे हैं, जो राज्य सरकार की शिक्षा सुधार नीति की सफलता को दर्शाता है.

एसके/एबीएम

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