नई दिल्ली, 16 मई . भारत की प्रतिस्पर्धा करने की बेहतर क्षमता देश को एप्पल जैसे तकनीकी दिग्गजों के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बनाती है. यूएस-बेस्ड कंपनी ने अपने प्रोडक्ट्स भारत में मैन्युफैक्चर करने और भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है.
सूत्रों के अनुसार, भारत ने एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया’ पहल का महत्व बताया.
मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, “भारत में एप्पल की निवेश योजनाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ है.”
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने एप्पल के सीईओ टिम कुक से कहा है कि वे भारत में और अधिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने की अपनी योजना को छोड़ दें और इसके बजाय अमेरिका में इन प्लांट के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करें.
कतर के दोहा में एक बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा, “एप्पल संयुक्त राज्य अमेरिका में अपना उत्पादन बढ़ाएगा.”
हाल के वर्षों में एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए भारत एक प्रमुख केंद्र बन गया है.
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि एप्पल जैसी ग्लोबल टेक्नोलॉजी दिग्गज कंपनियों को बेहतर आर्थिक समझ है, क्योंकि वे अपनी इस समझदारी को भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने की योजना के साथ दिखा रही हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “एप्पल ने आने वाले वर्षों में अपने सभी मोबाइल फोन भारत में ही खरीदने और बनाने का फैसला किया है. क्योंकि जब आप भारत में निवेश करते हैं, तो आप वहन करने की क्षमता, विश्वसनीयता और मौलिकता चुन रहे होते हैं.”
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने हाल ही में घोषणा की कि टेक्नोलॉजी दिग्गज कंपनी अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिकी बाजार के लिए अपने अधिकांश आईफोन भारत से खरीदेगी, जबकि चीन अन्य बाजारों के लिए उपकरणों का उत्पादन करेगा.
आईडीसी की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि जनवरी-मार्च तिमाही में भारत में शीर्ष पांच ब्रांडों में एप्पल ने 23 प्रतिशत की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की, जिसने पहली तिमाही में तीन मिलियन यूनिट का रिकॉर्ड बनाया.
मार्च तिमाही में, आईफोन 16 सबसे ज्यादा शिप किया जाने वाला मॉडल था, जो 2025 की पहली तिमाही के दौरान भारत में कुल शिपमेंट का 4 प्रतिशत था.
साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) के उपाध्यक्ष प्रभु राम ने को बताया कि भारत अपने बढ़ते आकर्षक घरेलू बाजार, अपनी विस्तारित निर्यात क्षमताओं और अनुकूल नीतिगत माहौल के कारण एप्पल की ग्लोबल सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक नोड बनता जा रहा है.
उन्होंने कहा, “भारत अपने स्केलेबल, हाई-क्वालिटी मैन्युफैक्चरिंग, स्किल्ड लेबर पूल और तेजी से विकसित हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अगले दशक में एप्पल के लिए असेंबली और निर्यात के लिए चीन के एक बेहतर विकल्प के रूप में तेजी से अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है.”
यूएस-बेस्ड मैन्युफैक्चरिंग के लिए राजनीतिक दबाव के बावजूद एशिया की मजबूत इकोसिस्टम क्षमताओं और इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन को अमेरिका में दोहराना एक महंगा और जटिल चुनौती बनी रहेगी.
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एसकेटी/केआर
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