मुंबई, 13 मई . टाटा मोटर्स ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए अपने कंसोलिडेटेड शुद्ध लाभ में 51 प्रतिशत की तीव्र गिरावट दर्ज की, जबकि कंपनी का राजस्व स्थिर रहा और इसके जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) बिजनेस में वृद्धि दर्ज की गई.
विनियामक फाइलिंग के अनुसार, जनवरी-मार्च 2025 की अवधि के लिए कंपनी का शुद्ध लाभ 8,470 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में दर्ज 17,407 करोड़ रुपए से कम है.
लाभ में गिरावट के बावजूद, टाटा मोटर्स का परिचालन से कंसोलिडेटेड राजस्व 0.4 प्रतिशत बढ़कर 1,19,503 करोड़ रुपए हो गया, जबकि एक साल पहले की तिमाही में यह 1,19,033 करोड़ रुपए था.
तिमाही के लिए कुल व्यय पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 1,11,136 करोड़ रुपए की तुलना में 1,09,056 करोड़ रुपए रहा, जिससे कंपनी को लागत को नियंत्रित करने में मदद मिली.
मार्च तिमाही के लिए कंपनी की कुल आय 1,21,012 करोड़ रुपए रही, जो एक साल पहले की समान अवधि के 1,20,431 करोड़ रुपए से थोड़ी अधिक है.
चौथी तिमाही में परिचालन लाभ (ईबीआईटीडीए) 16,700 करोड़ रुपए रहा, जो 4.1 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है.
हालांकि, ब्याज और कर से पहले की आय (ईबीआईटी) बढ़कर 11,500 करोड़ रुपए हो गई, जो सालाना आधार पर 1,000 करोड़ रुपए की वृद्धि है.
टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 6 रुपए प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की भी घोषणा की.
लाभांश कंपनी की आगामी वार्षिक आम बैठक में अनुमोदन के अधीन है और अगर अनुमोदन हो जाता है, तो 24 जून तक या उससे पहले भुगतान किया जाएगा.
परिणामों में एक उज्ज्वल बिंदु इसकी लग्जरी वाहन शाखा, जगुआर लैंड रोवर का प्रदर्शन था.
उत्तरी अमेरिका और यूरोप में अपने उच्च-मार्जिन एसयूवी की मजबूत मांग के कारण जेएलआर की बिक्री मात्रा में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
चीन में कमजोर मांग के कारण विकास की गति धीमी हो गई है, लेकिन मजबूत वैश्विक प्रदर्शन ने टाटा मोटर्स के घरेलू कारोबार में कमजोर बिक्री की भरपाई करने में मदद की है, जिसमें यात्री कार, ट्रक और बस शामिल हैं.
एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, तिमाही के लिए जेएलआर का राजस्व 2.4 प्रतिशत बढ़ा.
टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में अपना अब तक का सबसे अधिक वार्षिक राजस्व और प्रॉफिट बिफोर टैक्स (एक्सेप्शनल आइटम्स से पहले) रिकॉर्ड किया.
उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स का ऑटोमोटिव बिजनेस अब कंसोलिडेटेड बेसिस पर डेट-फ्री है, जिससे ब्याज लागत को कम करने में मदद मिली है.
कंपनी ने भविष्य को देखते हुए टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव जैसी वैश्विक अनिश्चितताओं को स्वीकार किया, जो ऑटो उद्योग को प्रभावित कर सकती हैं.
हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि प्रीमियम लग्जरी और भारतीय घरेलू बाजार इन चुनौतियों से निपटने में मजबूत होंगे.
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एसकेटी/एबीएम
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