किसी आवश्यक कारण बस मुझे 6 महीने के लिए दिल्ली रहना पड़ा
वहाँ रहते हुए मुझे लगभग तीन महीने हो चुके थे, तभी मेरी जानकारी पडोस मे रहने वाली एक भाभी से हुई जिनका नाम शकीना था ।
मैं अक्सर मार्केट से उनके लिए समान वगैरह ले आता था,उनसे बाचचीत करते हुए मालुम चला उनका एक साल पहले तलाक हो चुका हैं और वो अकेली रहती हैं (उनके पति का बाहर किसी से चक्कर चल रहा था)
तभी
मैंने भाभी की हरसंभव मदद करना शुरू कर दी
हम दोनो एक दुसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन चुके थे।
एक दिन शकीना भाभी का मुझे फोन आया “वो बोली सल्लू आज मेरा घर पर मन नही लग रहा” क्या तुम थोडी देर के लिए मेरे रूम पर आ सकते हो ??
मैंने उनको हाँ बोला और पाँच मिनट बाद उनके रूम पर चला गया। मेरे वहाँ जाते वो मुझे गले लगा कर रौने लगी और बोली की सल्लू तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो
मेरे पति को तो मेरी कोई कदर ही नही थी।
मैंने उनको बडी मुश्किल से चुप कराया और देर रात तक हम बाते करते रहे, उन्होने ईमोशनल होकर बोला की तुम बहुत अच्छे लड़के हो, मैं मन ही मन तुमको पसंद करने लगी हूँ।
आज से तुम ही मेरे सब कुछ हो, आज से मैं तुम्हारी हुई
तुम बोलो क्या चाहते हो ??
मैं तुम्हे मना नही करूँगी
मैंने मौके का फायदा उठा कर बिना देर किए शकीना भाभी से बोला “भाभी तुम अगर सच मे मना नही करोगी” तो मुझसे वादा करो
“दिल्ली में चुनाव है” और आप वादा करो कि आप भाजपा को ही वोट दोगी और अपना कागज ढूंढ लेना
ऐसा बोलकर मैं वापस अपने रूम मे आकर सो गया।
मेरे लिए मोदी जी और देश और सनातन से बढ़कर कोई नही और कुछ नहीं…बाकी तो आपको बता ही होगा ….आगे क्या होगा
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