उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। पुरवा रहट में एक युवक का शव मिलने के बाद, उसे अयाना थाना क्षेत्र के सेंगनपुर गांव के निवासियों ने नूर मोहम्मद के रूप में पहचाना। शव का पोस्टमार्टम करने के बाद उसे कब्रिस्तान में दफना दिया गया, लेकिन यह पता चला कि नूर मोहम्मद जीवित है।
मोहर्रम का त्योहार नजदीक आने पर, नूर मोहम्मद ने ग्रामीणों से संपर्क कर अपनी जीवित होने की जानकारी दी। अब पुलिस के लिए यह मामला जटिल हो गया है। दरअसल, 27 जून को सदर कोतवाली क्षेत्र के काशी ईंट भट्ठे के पास एक 40 वर्षीय युवक का शव मिला था।
ग्रामीणों ने बताया कि मृतक मानसिक रूप से बीमार था और उसे दो-तीन दिन से गांव में घूमते देखा गया था। शव की पहचान के लिए पुलिस ने उसके फोटो सोशल मीडिया पर साझा किए। सेंगनपुर के गुलमीर का बेटा समशुल और पड़ोसी युसूफ खान ने पुलिस के साथ मोर्चरी जाकर शव की पहचान की।
उन्होंने शव को समशुल के भांजे नूर मोहम्मद के रूप में पहचाना, जो मुंबई में प्राइवेट नौकरी करता था। इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया, जिन्होंने उसे गांव के कब्रिस्तान में दफना दिया।
हाल ही में, नूर मोहम्मद ने अपने परिवार से वीडियो कॉल पर बात की और मोहर्रम पर घर आने की सूचना दी। यह जानकर कि नूर जीवित है, ग्रामीण और परिजन हैरान रह गए। हालांकि, मृतक की असली पहचान अब पुलिस के लिए चुनौती बन गई है। क्षेत्राधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि यह गलती संभवतः हमशक्ल के कारण हुई। नूर मोहम्मद के गांव लौटने पर स्थिति स्पष्ट होगी।
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