रविवार को एशिया कप ग्रुप ए के मुकाबले में भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तान के सलमान आगा ने टॉस के दौरान एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आमतौर पर टॉस से पहले कप्तानों के बीच हाथ मिलाना एक परंपरा है, लेकिन यह कोई नियम नहीं है।
दोनों कप्तानों ने न केवल हाथ नहीं मिलाया, बल्कि एक-दूसरे की ओर देखा भी नहीं। उन्होंने जिम्बाब्वे के मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को अपनी टीम की जानकारी सौंपी और टॉस के लिए टीवी कमेंटेटर रवि शास्त्री से बात करने के बाद अपनी-अपनी दिशा में लौट गए।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि हर टूर्नामेंट के अपने नियम होते हैं। कुछ टूर्नामेंट में टॉस के समय हाथ मिलाना अनिवार्य होता है। उल्लेखनीय है कि सूर्यकुमार यादव ने पिछले मैच में भी यूएई के कप्तान मोहम्मद वसीम से हाथ नहीं मिलाया था।
यह पहली बार है जब भारत और पाकिस्तान इस साल अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के बाद किसी क्रिकेट मैच में आमने-सामने आए हैं। पिछले महीने भारत ने एक नई खेल नीति की घोषणा की, जिसके तहत उसकी टीमों और खिलाड़ियों को पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति नहीं है, लेकिन वे बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में एक-दूसरे से खेल सकते हैं।
इस नीति ने भारतीय खिलाड़ियों के पाकिस्तान जाने पर भी रोक लगा दी है और पड़ोसी देश की टीमों और खिलाड़ियों की मेजबानी करने से इनकार कर दिया गया है। इस मुकाबले से पहले भारतीय खेमे ने कहा था कि खिलाड़ियों का ध्यान खेल पर है और वे लोगों की भावनाओं को समझते हैं, लेकिन इस मैच को पेशेवर तरीके से खेलने के लिए उन्होंने इन्हें पीछे छोड़ दिया है।
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