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नरक चतुर्दशी 2025: यम दीप जलाने के नियम और महत्व

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नरक चतुर्दशी 2025

नरक चतुर्दशी 2025


Narak Chaturdashi 2025 Yam Deep Rules: नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। यह त्योहार धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे दिवाली का अभिन्न हिस्सा माना जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है, जिससे मृत्यु का भय कम होता है। यम दीप जलाने का इस दिन विशेष महत्व है।

यम दीप जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यम दीप जलाते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है, जो हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णित हैं।


कब है नरक चतुर्दशी?

नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस वर्ष चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर को दोपहर 1:51 बजे प्रारंभ होगी और 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसार, नरक चतुर्दशी 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जो दिवाली के दिन भी है।


यम दीप जलाने के नियम चौमुखी दीप हो

यम दीप हमेशा चार मुख वाला होना चाहिए, जिसमें चार बातियाँ लगाई जानी चाहिए। यह चार बातियाँ चार दिशाओं में प्रकाश फैलाने का प्रतीक मानी जाती हैं। चौमुखी दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और परिवार की सुरक्षा होती है।


दक्षिण दिशा में जलाएं

यम दीप को हमेशा दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए, क्योंकि यह यमराज की दिशा मानी जाती है। मिट्टी या आटे से बना दीपक जलाना चाहिए और इसे सरसों के तेल से ही जलाना चाहिए।


14 दीपक जलाएं

यम दीप के साथ-साथ अन्य 14 दीपक भी जलाने चाहिए। इन्हें घर के विभिन्न स्थानों जैसे पूजा घर, रसोई, तुलसी के पास, मुख्य द्वार आदि पर रखना चाहिए। ये दीप घर के लिए शुभ होते हैं।


दीप को पूरे घर में घुमाएं

यम दीप जलाने के बाद इसे पूरे घर में घुमाना चाहिए और फिर दक्षिण दिशा में रख देना चाहिए। दीप रखने का स्थान साफ और शुद्ध होना चाहिए।


नरक चतुर्दशी की शाम को यम दीप जलाया जाता है। यदि आप धनतेरस पर यम दीप जलाना चाहते हैं, तो 18 अक्टूबर की शाम को जलाएं। वहीं, दिवाली से एक दिन पहले यम दीप जलाने के लिए 19 अक्टूबर की शाम उपयुक्त है।


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