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क्या आप दूसरा घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं? तो पहले इन 6 बातों पर जरूर करें विचार

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क्या आप भी दूसरा घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं? तो ऐसे में आपको कुछ बातों पर गौर जरूर करना चाहिए। एक घर होने के बाद दूसरा घर खरीदना एक बड़ा वित्तीय और भावनात्मक निर्णय हो सकता है। इसके लिए आपको कुछ कारकों पर विचार करना चाहिए। जैसे क्या आप दूसरा घर निवेश के लिए खरीद रहे हैं, या इसे आप छुट्टियां बिताने के लिए खरीद रहे हैं या किराए के लिए खरीद रहे हैं। जानते हैं ऐसी कुछ जरूरी बातों को जिन पर आपको दूसरा घर खरीदने से पहले जरूर गौर करना चाहिए। दूसरा घर खरीदने से पहले इन बातों पर ध्यान दें - 1. अपने लक्ष्य को स्पष्ट रखें यदि आप दूसरा घर खरीदना चाहते हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि आप इसे किस लक्ष्य से खरीद रहे हैं। क्या आप इसे निवेश के रूप में देख रहे हैं? किराए से आय अर्जित करना चाहते हैं? या यह एक अवकाश गृह होगा? जैसे यदि आप निवेश के लिए कोई संपत्ति खरीदने हैं तो संपत्ति की भविष्य की कीमत वृद्धि और बाजार की मांग पर ध्यान देना जरूरी होता है। वहीं यदि आप केवल उच्च किराए की मांग के लक्ष्य से दूसरा घर खरीद रहे तो आपको ऐसे क्षेत्र में घर खरीदना होगा जहां पर ज्यादा लोग किराए पर रहते हैं और जहां का किराया हाई हो। आपका लक्ष्य केवल छुट्टियों में समय बिताने के लिए घर की आवश्यकता के रूप में है तो आप उस स्थान, सुविधा और व्यक्तिगत पसंद को प्राथमिकता देकर घर खरीद सकते हैं। घर खरीदने से पहले आपको अपने अल्पकालिक और दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्य का आकलन कर लेना चाहिए और सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि यह आपके फाइनेंशियल प्लान के अनुरूप है या नहीं।. 2. अपनी वित्तीय स्थिति और बजट को ना करें नजर अंदाज कई बार दूसरा घर खरीदने के चक्कर में लोग अपनी वित्तीय स्थिति और बजट को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके कारण वह कर्ज के बोझ में दब सकते हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए आपको कुछ बातों पर गौर करना होगा। जैसे आपके पास घर खरीदने के लिए कितना बजट है। होम लोन की पात्रता क्या है और इसके अलावा अन्य अतिरिक्त खर्च और आपातकालीन फंड को भी ध्यान में रखना होगा। आप अपने मासिक बजट का कितना ईएमआई के रूप में दे सकते हैं उसके अनुसार ही घर खरीदने के लिए बजट बनाएं। जैसे यदि मासिक बजट का 30 से 40% की आप अगर ईएमआई ही भरेंगे तो ऐसे में आप पर वित्तीय दबाव बन सकता है। 3. सही विकल्प का करें चुनाव आपको उन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी का चुनाव करना चाहिए, जहां प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि की संभावना हो। जहां पर सार्वजनिक परिवहन, अच्छी सड़के और प्रमुख शहरों से निकटता हो। इसके अलावा आसपास सारी जरूरी सुविधाएं जैसे अस्पताल, शॉपिंग सेंटर, स्कूल, मनोरंजन की सुविधा आदि होनी चाहिए। जैसे यदि आप निवेश या किराए से प्राप्त इनकम कमाने के लक्ष्य से घर खरीदना चाहते हैं तो ऐसे में आप बेंगलुरु पुणे हैदराबाद जैसे शहरों में घर खरीदें। लेकिन अगर आप केवल छुट्टियां बिताने के उद्देश्य से घर खरीद रहे हैं तो ऐसे में आपको हिमाचल प्रदेश, गोवा जैसे शहरों में घर खरीदने पर विचार करना चाहिए। 4. कानूनी पहलुओं की जांच घर खरीदने से पहले संपत्ति से संबंधित सभी कानूनी पहलुओं की जांच कर लें। जैसे सुनिश्चित करें की संपत्ति का मालिक आना हक स्पष्ट और विवाद मुक्त हो। जिस हाउसिंग सोसायटी या बिल्डर से आप घर खरीद रहे हैं उनके पास नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट हो। प्रॉपर्टी के सभी बकाया बिल और टैक्स का भुगतान हो गया हो। बाद में किसी भी प्रकार की कानूनी समस्या ना आ जाए इसीलिए आप चाहे तो किसी विश्वसनीय वकील की भी मदद ले सकते हैं। 5. कर प्रभाव का करें आकलन यदि आप दूसरा घर किराए पर देने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको स्थानीय किराए के दलों के साथ ही कर लाभ या देनदारी के बारे में भी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। वैसे तो भारत में होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट और किराए की आय पर छूट उपलब्ध हो सकती है। लेकिन दूसरा घर होने के कारण प्रॉपर्टी टैक्स और किराए की आय पर कर दिलदारी बढ़ सकती है। 6. जोखिमों का पहले ही कर लें आकलन दूसरा घर खरीदने के दौरान कुछ जोखिमों पर आपको पहले ही सोच विचार कर लेना चाहिए। जैसे प्रॉपर्टी की कीमतें गिरने, किराएदार नहीं मिलने या पुरानी संपत्तियों में रखरखाव का खर्च ज्यादा होने जैसे जोखनों का सामना करना पड़ सकता है।
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