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एक ही प्लान में पाएं इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट का फायदा, जानिए क्या है ULIP और कैसे करता है काम

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क्या आपको भी इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट जैसी चीजों को समझने और करने में परेशानी होती है। खासतौर से दोनों को समझना, साथ ही अलग-अलग किस्त और प्रीमियम भरना। कई बार हम सोचते हैं कि ऐसी कोई स्कीम हो एक साथ ही इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट दोनों हो जाए। यूलिप प्लान एक ऐसा ही प्लान है, जिसके जरिए हम इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ इंश्योरेंस का लाभ भी ले सकते हैं।



क्या है ULIP प्लानULIP (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) एक तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी है, जो इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ इन्वेस्टमेंट का भी लाभ देती है। इसे भारतीय इंश्योरेंस नियामक और विकास प्राधिकरण(IRDAI) के द्वारा रेगुलेट किया जाता है।



ULIP में हम जो प्रीमियम भरते हैं, लाइफ इंश्योरेंस कवर के लिए इस्तेमाल होता है। जबकि एक हिस्सा इक्विटी, डेट या मनी मार्केट फंड के लिए लगाया जाता है।



कैसे काम करता है ULIPमान लीजिए आप 30 वर्ष की उम्र में 30 साल की अवधि के लिए ULIP प्लान में निवेश करते हैं। इसमें प्रीमियम का एक हिस्सा, एक करोड़ रुपये के लाइफ इंश्योरेंस कवर के लिए लगाया जाता है। इसके अलावा, आप ULIP के जरिए से इक्विटी फंड्स में निवेश करना चुनते हैं।



ऐसे में अगले 30 साल के भीतर आपकी मृत्यु की स्थिति में आपके परिवार या नॉमिनी को एक करोड़ रुपये या आपकी इन्वेस्टमेंट किए गए राशि की फंड वैल्यू इन दोनों में से जो ज्यादा होती है वह मिलती है।



वहीं, अगर आप 30 साल तक पूरे टेन्योर तक प्रीमियम भरते हैं, तो आपको 30 साल बाद इन्वेस्टमेंट की फंड वैल्यू मिलती है।



ULIP के अन्य फायदेULIP प्लान में टॉप के तौर पर अतिरिक्त प्रीमियम भर सकते हैं। साथ ही आप अपने इन्वेस्टमेंट को भी स्विच कर सकते हैं। मान लीजिए जब आपने प्लान खरीदा था तो आप इक्विटी में इन्वेस्ट करते थे और अब आपको लगता है कि आपको डेट फंड में निवेश करना चाहिए तो स्विच कर सकते हैं। साथ ही लॉक-इन पीरियड पूरा होने के बाद आंशिक निकासी भी कर सकते हैं।



ULIP के कुछ नुकसानULIP में कई तरह के चार्ज लगते हैं, जैसे जैसे प्रीमियम अलॉटमेंट, फंड मैनेजमेंट। ये चार्ज शुरुआती सालों में रिटर्न कम दिखा सकते हैं। अगर पैसा शेयर में इन्वेस्ट होता है, तो बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम बना रहता है। साथ ही इसमें लॉक-इन पीरियड होता है, जिससे समय से पहले पैसा निकालना संभव नहीं होता और पॉलिसी बंद करने पर पेनल्टी लग सकती है। साथ ही, इसमें टर्म प्लान की तुलना में इंश्योरेंस कवर सीमित होता है, इसलिए अधिक सुरक्षा के लिए अलग से टर्म प्लान लेना बेहतर रहता है।





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