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युद्ध विराम की घोषणा के बाद पाकिस्तान का मिसाइल दागना गलत, सख्ती से लगे रोकः दिग्विजय सिंह

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गुना, 11 मई (हि.स.)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ बन चुका है। वहां की सरकार आतंकवादियों को पैसे का लालच देकर ट्रेनिंग देती है, जिसके बाद उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्ध विराम की घोषणा के बाद पाकिस्तान का मिसाइल दागना गलत है। इस पर सख्ती से रोक लगना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हर समस्या का निदान बातचीत है, युद्ध तो आखिरी विकल्प होता है।

दिग्विजय सिंह रविवार को गुना प्रवास के दौरान मीडिया से बातचीत कर रहे थे। वे यहां हड्डी मिल क्षेत्र में भू-माफिया से पीड़ित आदिवासी परिवार से मिलने पहुंचे थे। सुबह उन्होंने सबसे पहले सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद जगनपुर में आदिवासी परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने आदिवासियों की जमीन छीनने की जानकारी ली। इसके बाद कई जगह वह शोक संवेदनाएं व्यक्त करने पहुंचे।

गुना प्रवास के दौरान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के सवाल पर कहा कि बात वही है कि हमेशा हर मुद्दे को हम लोग आपस में बैठकर तय करेंगे। तीसरी पार्टी की मध्यस्थता हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप साहब तो खुद से एक इकाई हैं। वे कब क्या कह दें, क्या कर दें, कोई भरोसा नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्रीजी की चुप्पी जो है, ये हमें नागवार गुजरी है। क्योंकि, ऑल पार्टी मीटिंग में भी वह उपस्थित नहीं होते हैं। यहां तक कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तो अटल जी के कहने पर संसद का सत्र ही बुला लिया था, जब चीन युद्ध हुआ था। हम लोगों की मांग रही है कि लोकसभा का सत्र होना चाहिए, लेकिन कम से कम ऑल पार्टी मीटिंग में उपस्थित तो रहें।

उन्होंने कश्मीर के मामले में कहा कि हर समस्या का हल, हर समस्या का निदान बातचीत से होता है। युद्ध आखिरी विकल्प होना चाहिए। पाकिस्तान इस समय आतंकवाद का गढ़ बन चुका है। खुलेआम पाकिस्तान की सरकार आतंकवादियों को पैसे का लालच देकर उन्हें ट्रेनिंग देती है और आतंकी गतिविधियों में शामिल करती है। यह बातें अब विश्व पटल पर उजागर हो चुकी हैं। विश्व के अधिकांश देश स्वीकार करते हैं कि पूरे तरीके से पाकिस्तान आतंकियों का गढ़ बन चुका है। हमे इस बात का दुख है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की जो घोषणा हुई, उसके बाद भी पाकिस्तान की तरफ से मिसाइल दागे गए, ड्रोन भेजे गए। ये उचित नहीं है और इस पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब देश संकट में हो, तो सभी को राजनीति से परे होना चाहिए। हम भारत सरकार और सेना के साथ खड़े हैं और जरूरत में पूरा समर्थन करेंगे।

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वाशिंगटन डीसी से आई अभूतपूर्व घोषणाओं के संदर्भ में अब यह राष्ट्रीय आवश्यकता बन गई है कि प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करें और देश के राजनीतिक दलों को विश्वास में लें, ताकि इस संकट की घड़ी में राष्ट्रीय हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। संसद का एक विशेष सत्र तत्काल बुलाया जाए, जिसमें पिछले अठारह दिनों की घटनाओं- विशेषकर पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले से लेकर अब तक की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की जाए और आगे की दिशा तय की जाए, ताकि देश एकजुट होकर सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन कर सके।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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