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एसएससी क्या है, जिसकी परीक्षाओं में गड़बड़ी के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरे स्टूडेंट्स

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@INCIndia दिल्ली के जंतर-मंतर पर एसएससी परीक्षार्थियों का प्रदर्शन

स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) की परीक्षाओं में अनियमितताओं के आरोप को लेकर देश की राजधानी दिल्ली समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं.

गुरुवार को एसएससी पोस्ट फेज 13 भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं और कुप्रबंधन के ख़िलाफ़ परीक्षार्थियों और कोचिंग में पढ़ाने वाले कुछ लोकप्रिय टीचर्स ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारी प्रशासनिक लापरवाही, परीक्षा के दौरान तकनीकी ख़ामियों और शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस के लाठीचार्ज का आरोप लगा रहे थे.

परीक्षार्थियों और शिक्षकों ने आरोप लगाया कि जब वे जंतर-मंतर और सीजीओ कॉम्प्लेक्स के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं.

प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच नोंक-झोंक के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ परीक्षा 24 जुलाई से शुरू हुई थी और 1 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में इन परीक्षाओं को लेकर शिकायतें मिलने लगीं.

इनमें परीक्षा का अचानक रद्द होना, सर्वर क्रैश होना, सिस्टम का काम न करना जैसी शिकायतें शामिल हैं.

एसएससी क्या है? कैसे होती है इसकी परीक्षाएं image Getty Images एक परीक्षा केंद्र पर अपना नाम देखते एसएससी परीक्षार्थी

एसएससी यानी स्टाफ़ सेलेक्शन कमीशन केंद्रीय सरकारी सेवाओं के लिए उम्मीदवारों के चयन की जिम्मेदारी निभाता है.

भारत सरकार ने 1975 में इसका गठन किया था. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और ये एक स्वायत्त केंद्रीय सरकारी संगठन के तौर पर काम करता है.

एसएससी परीक्षाएं कराने, आंसर शीट जांचने और रिजल्ट घोषित करने के लिए जिम्मेदार है.

2010 से पहले एसएससी सिर्फ़ ग्रुप बी (नॉन-गैजेटेड) और ग्रुप सी (नॉन- टेक्निकल) के पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता था.

लेकिन अब यह ग्रुप बी (गैजेटेड) पदों जैसे कि असिस्टेंट अकाउंट्स अफ़सर और असिस्टेंट ऑडिट अफ़सर जैसे पदों के लिए भी परीक्षाएं कराता है. ये पद अकाउंट्स और ऑडिट सर्विस से जुड़े हैं.

देश की प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस पिछले कई सालों से इन परीक्षाओं का प्रबंधन करती रही थी. लेकिन हाल ही सरकार ने एक सेंट्रलाइज्ड परीक्षा सिस्टम शुरू किया था. ये पहले के सिस्टम की जगह लाया गया था.

लेकिन अब इस नए सिस्टम को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि इस बार इसके तहत कराए जा रहे परीक्षाओं में कई तरह की अनियमितता के आरोप लगे हैं.

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परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप image @INCIndia एसएससी परीक्षार्थी परीक्षा में गड़बड़ी और सिस्टम क्रैश का आरोप लगा रहे हैं

कई शिकायतों में कहा गया है कि परीक्षार्थियों को 500-500 किलोमीटर दूर के परीक्षा केंद्रों पर भेजा गया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई को एक परीक्षार्थी ने बताया, ''परीक्षार्थियों को दूरदराज़ के केंद्रों में भेजा जा रहा है. लेकिन वहां पहुंचने पर पता चलता है कि परीक्षा रद्द कर दी गई है. कुछ जगहों पर छात्र ऊपर की मंज़िल पर परीक्षा दे रहे थे, नीचे मवेशियों के कटे हुए सिर रखे गए थे. विरोध करने वाले परीक्षार्थियों को चुप कराने के लिए बाउंसर लगाए गए थे. परीक्षार्थी जिन कंप्यूटरों पर परीक्षा दे रहे थे उनके माउस काम नहीं कर रहे थे. सिस्टम हैंग हो रहे थे.''

इस परीक्षार्थी का कहना था कि एसएससी डायरेक्टर के साथ बैठक में खुद अधिकारियों ने माना कि उन्हें इस परीक्षा को लेकर 55,000 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं.

image BBC

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ परीक्षार्थियों का कहना है कि तीन लाख उम्मीदवारों में से 55 हजार ने शिकायतें दी हैं. ये अपने आप में बहुत कुछ कहता है. अब 13 अगस्त से एसएससी-सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) की परीक्षा शुरू होने वाली है, जिसमें 30 लाख परीक्षार्थी होंगे तो ये चरमराया सिस्टम उससे कैसे निपटेगा.

कई परीक्षार्थियों ने कहा कि परीक्षा केंद्र दूरदराज और असुरक्षित जगहों पर बनाए गए हैं.

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सिस्टम क्रैश, बाउंसर तैनात करने के आरोप image @BhimArmyChief आज़ाद समाज पार्टी के नेता और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए एसएससी को पत्र लिखा है

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ कई परीक्षार्थियों ने परीक्षा केंद्रों पर बाउंसरों की मौज़ूदगी पर भी सवाल उठाया.

एक परीक्षार्थी ने कहा "परीक्षा केंद्र पर बाउंसरों की क्या ज़रूरत है? हम कोई अपराधी नहीं हैं. हम एक बेहतर सिस्टम की मांग कर रहे हैं. दंगा नहीं कर रहे.''

परीक्षार्थियों का कहना है कि परीक्षा की व्यवस्था करने वाली एजेंसी को बदले जाने की वजह से गड़बड़ियां हुई हैं. ये एजेंसी पारदर्शी और व्यवस्थित परीक्षा कराने में नाकाम दिख रही है.

परीक्षार्थियों ने एसएससी से एजेंसी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की मांग की है. उनका कहना है कि इस एजेंसी का रिकॉर्ड पहले भी यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में खराब रहा है, फिर भी इसे दोबारा जिम्मेदारी दी गई.

परीक्षार्थियों ने अव्यवस्था के लिए एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया और इस पर तुरंत कार्रवाई की मांग भी की.

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प्रदर्शन को सोशल मीडिया पर समर्थन image @TARUNspeakss परीक्षार्थियों को प्रदर्शन को सोशल मीडिया पर खूब समर्थन मिल रहा है

सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों को काफ़ी समर्थन मिल रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रदर्शनकारियों के समर्थन में #SSCSystemSudharo, #SSCMisManagement, और #SSCVendorFailure जैसे हैशटैग तेजी से ट्रेंड कर रहे हैं. यूजर एसएससी और कार्मिक मंत्रालय से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं.

कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई इस आंदोलन का समर्थन कर रहा है. एनएसयूआई ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में जंतर-मंतर पर परीक्षा में अव्यवस्था को लेकर किए गए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

प्रदर्शन में शामिल एनएसयूआई के अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, '' यह सिर्फ परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा नहीं है. यह उस सरकार के रवैये का मामला है जो न्याय मांग रहे युवाओं को चुप कराना चाहती है."

एनएसयूआई ने कहा है कि अगर सरकार इस पर एक्शन नहीं लेती है तो संगठन अपने समर्थकों के साथ देश भर में प्रदर्शन करेगा.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.

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