विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीना को शुक्रवार को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। जस्टिस अनिल उपमन की कोर्ट ने नरेश मीना की जमानत याचिका स्वीकार कर उसे जमानत दे दी है। लेकिन मतदान की रात समरावता गांव में हुई हिंसा, उपद्रव, आगजनी के मामले में नगरफोर्ट थामे में दर्ज प्रकरण संख्या 167/2024 में कोर्ट संख्या 19 के न्यायाधीश प्रवीण भटनागर ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। ऐसे में इस मामले में जमानत मिलने तक नरेश मीना को जेल में ही रहना पड़ेगा। वह 15 नवंबर 2024 से जेल में है। फिलहाल वह बूंदी जेल में है। थप्पड़ कांड में नरेश मीना की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा, लाखन सिंह मीना, फतेहराम मीना ने कहा कि यह अचानक हुई घटना थी, लेकिन पुलिस ने जानलेवा हमले का मामला बनाया है, जो यहां टिक नहीं पाता। नरेश के खिलाफ 26 मामले दर्ज थे।
जिसमें से 5 में वह बरी हो चुका है। कुछ मामले राज्य सरकार ने वापस ले लिए हैं। अब उसके खिलाफ मात्र 12 मामले ही दर्ज हैं। नरेश मीना की ओर से पैरवी कर रहे हाईकोर्ट के अधिवक्ता डॉ. महेश चंद शर्मा, अधिवक्ता लाखन सिंह मीना ने बताया कि एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में नरेश मीना को जमानत मिल गई है। मुकदमा संख्या 166/2024 में जमानत मिलने के बाद नरेश मीना के समर्थकों में खुशी की लहर है। लेकिन हिंसा, उपद्रव, आगजनी के मामले में जमानत याचिका खारिज होने से करीब डेढ़ घंटे में यह खुशी मायूसी में बदल गई।
विधानसभा उपचुनाव में हुआ था बवाल
दरअसल, नवंबर-2024 में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान समरावता (टोंक) गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। इस दौरान नरेश मीना ने अधिकारियों पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया। नरेश मीना ने मतदान केंद्र पर आकर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया।
कई वाहनों में लगाई आग
एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीना वापस चले गए और धरने पर बैठ गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की गाड़ी रोकने को लेकर विवाद हो गया। पुलिस ने नरेश मीना को हिरासत में ले लिया। जैसे ही मीना के समर्थकों को इसकी जानकारी मिली, वे और अधिक आक्रोशित हो गए।सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने नरेश मीना को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। ग्रामीणों पर पथराव करने का भी आरोप लगा। घटना के दौरान गांव में कई वाहनों में आग लगा दी गई।
समरावता हिंसा मामले में जमानत याचिका हो चुकी है खारिज
नरेश मीना के खिलाफ थप्पड़ कांड और उसके बाद हुई हिंसा से जुड़े कई मामले दर्ज हैं। हाईकोर्ट ने थप्पड़ कांड के बाद टोंक के समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले में 12 फरवरी को नरेश मीना की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
You may also like
मेरे लिए रजत पाटीदार सबसे बड़े 'आई ओपनर' हैं : दिनेश कार्तिक
राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते : बृजभूषण शरण सिंह
ममता बनर्जी ने बंगाल को बनाया घुसपैठ, भ्रष्टाचार, स्त्रियों पर अत्याचार का केंद्र, हिंदुओं के साथ हुआ दुराचार : अमित शाह
500 और 200 के नोट लेने से पहले ज़रूर जान लें ये 5 अहम बातें, वरना पछताना पड़ेगा!
1 जून से बदल जाएंगे ये 7 बड़े नियम! UPI से लेकर आधार तक हर किसी को जानना ज़रूरी