भरतपुर पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो अब तक 400 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके हैं। इस गिरोह में एक सदस्य ऐसा भी है जो एमबीए पास है और 28 लाख रुपए से अधिक वेतन पर काम कर रहा था। वह गिरोह के लेन-देन का काम संभाल रहा था। पुलिस ने शशिकांत, देवेंद्र, दिनेश, कुमकुम और रविंद्र समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह की करीब 23 कंपनियों की जांच चल रही है।
पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने बताया कि 6 मार्च को पीड़ित हरि सिंह द्वारा साइबर थाना धौलपुर में साइबर हेल्पलाइन 1930 पर फिनो पेमेंट बैंक के खाते के खिलाफ साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस शिकायत का जब विश्लेषण किया गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई। यह शिकायत फिनो पेमेंट बैंक के खाते के खिलाफ की गई थी। इसी खाते को लेकर और भी शिकायतें सामने आईं। खाते के खिलाफ 1930 पर करीब तीन हजार शिकायतें दर्ज थीं, जो अब बढ़कर चार हजार से अधिक हो गई हैं।
1930 शिकायतों के आधार पर साइबर थाना धौलपुर में तत्काल मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच की गई तो पुलिस ने आरोपी देवेंद्रपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ की गई। उसने बताया कि गिरोह के मुख्य सरगना शशिकांत और रोहित दुबे हैं। पुलिस के मुताबिक शशिकांत और रोहित दुबे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पैसों का लालच देकर उनके नाम से कंपनियां खोलते थे। फिर लोगों को कंपनी का डायरेक्टर बना देते थे। डायरेक्टर और शशिकांत सिंह के बीच एक और व्यक्ति होता है, जिसे ये लोग रीसेलर के नाम से बुलाते हैं, जो शशिकांत और कंपनी डायरेक्टर के बीच सेतु का काम करता है। रीसेलर ऐसे लोगों को चुनता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, जिन्हें पैसों की तत्काल जरूरत होती है। कंपनी खोलने के बाद उनके दस्तावेज और खातों से जुड़ा सारा काम शशिकांत ही करता था।
400 करोड़ रुपये का लेन-देन
जांच में सामने आया है कि पीड़ित हरि सिंह का पैसा जिन चार कंपनियों में लगाया गया था, उनमें छह महीने में करीब 400 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। यह गिरोह लोगों के मोबाइल पर ऑनलाइन गेम के लिंक भेजता था। फिर उनसे ठगी करते थे। पुलिस ने इन कंपनियों के दो डायरेक्टर दिनेश और कुमकुम को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा पुलिस ने रविंद्र को भी गिरफ्तार किया है। रविंद्र का भतीजा शशिकांत है, जो पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड था। रोहित दुबे भी शशि के साथ था।
देवेंद्र और शशि बचपन के दोस्त हैं
जांच में यह भी पता चला है कि देवेंद्र पाल सिंह भी उसके साथ था। वह मोहाली का रहने वाला था। देवेंद्र पाल सिंह करीब 28 लाख रुपये के पैकेज पर काम कर रहा था और सारा लेन-देन संभाल रहा था। देवेंद्र और शशि बचपन के दोस्त हैं। पुलिस को देवेंद्र से काफी डेटा मिला है। पुलिस को यह भी पता चला है कि शशि की करीब 23 कंपनियां थीं। इन कंपनियों की जांच की जा रही है।
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