राजस्थान में मौसम ने करवट बदली है। धौलपुर, रींगस, भरतपुर, कोटपुतली, सीकर और कोटा में हुई बारिश से तापमान में गिरावट आई है, जिससे गर्मी से राहत मिली है। हालाँकि, बारिश ने रबी की फसल को भी नुकसान पहुँचाया है। अगर भारी बारिश हुई, तो किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग ने नारंगी और पीले रंग का बारिश अलर्ट जारी किया है।
जानकारी के अनुसार, मौसम विभाग पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में लगातार बारिश की चेतावनी दे रहा था। धौलपुर में दोपहर में बूंदाबांदी शुरू हुई और दोपहर 3:30 बजे के बाद तेज़ बारिश हुई। किसान विनीत कुमार शर्मा ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के दौरान किसानों ने रबी की सरसों की फसल की बुवाई शुरू कर दी थी। सरसों की फसल खेतों में अंकुरित होने लगी थी, लेकिन प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर किसानों को मुश्किल में डाल दिया है।
किसानों के लिए बड़ी मुसीबत
इस बारिश ने खरीफ की फसल को पहले ही बर्बाद कर दिया था। सभी की उम्मीदें रबी की फसल से जुड़ी थीं। लेकिन बारिश रुकने के बाद बार-बार बारिश होना किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। जिन किसानों ने सरसों की फसल बोई थी, उन्हें भारी नुकसान होगा। जितनी बारिश हुई है, उससे लगता नहीं कि फसल खेतों में उग पाएगी और पक पाएगी।
मानसून जैसी बारिश
जाते हुए मानसून ने एक बार फिर कहर बरपाया है। धौलपुर जिले में करीब 20 दिन पहले बारिश थम गई थी। खेत-खलिहानों में पानी सूख रहा था। जिले के किसान सरसों, गेहूं, आलू, मटर आदि रबी की फसलों की तैयारी में जुटे थे। लेकिन जाते हुए मानसून ने एक बार फिर किसानों को मुश्किल में डाल दिया है। बुधवार को बारिश इतनी तेज थी कि बरसात के मौसम में भी ऐसी बारिश नहीं देखी गई। करीब दो घंटे तक आंधी के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने धौलपुर शहर को जलमग्न कर दिया, जिससे शहर से लेकर गांवों तक जलभराव हो गया।
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