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राजस्थान में स्मार्ट मीटर योजना पर छाए संकट के बादल! डिस्कॉम ने दी टेंडर रद्द करने की चेतावनी, सब्सिडी अटकने की आशंका

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राजस्थान में 14 हज़ार करोड़ रुपये की लागत से 1.43 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू से ही लड़खड़ा गया है। अब तक 14 लाख मीटर लग जाने चाहिए थे, लेकिन सिर्फ़ 2.87 लाख ही लग पाए हैं। इससे केंद्र सरकार की सब्सिडी अटकने की आशंका भी पैदा हो गई है। साथ ही, डिस्कॉम और जनता को मिलने वाली सुविधाओं में भी देरी हो रही है। इसे देखते हुए डिस्कॉम प्रबंधन ने अनुबंधित कंपनी को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है कि अगर तीन महीने में सुधार नहीं हुआ तो टेंडर रद्द कर दिया जाएगा। वर्तमान में राज्य में सालाना 50 हज़ार करोड़ रुपये की बिलिंग हो रही है।

शुरुआती छह महीने तक जारी रहेगी बिलिंग
अगर सब कुछ ठीक रहा तो डिस्कॉम शुरुआती चार से छह महीने तक पोस्टपेड सुविधा देता रहेगा। इसके बाद, यह अपने आप प्रीपेड हो जाएगा। यानी रिचार्ज करने के बाद ही बिजली आपूर्ति शुरू होगी।

किस डिस्कॉम में कितने मीटर लगेंगे
डिस्कॉम - मीटर की लागत - अभी स्थापित
जयपुर - 47.63 - 31.38 करोड़ - 1.66 लाख
अजमेर - 54.32 लाख - 3663 करोड़ - 0.81 लाख
जोधपुर - 40.80 लाख - 2877 करोड़ - 0.40 लाख

चार बड़ी चुनौतियाँ...
01- सब्सिडी पर संकट

ऊर्जा विभाग ने केंद्र सरकार को दिसंबर 2026 तक काम पूरा करने का आश्वासन दिया है, लेकिन मौजूदा हालात में यह संभव नहीं लग रहा। ऐसे में सब्सिडी अटक सकती है।

02- लागत बढ़ने का डर
अगर टेंडर रद्द होता है, तो डिस्कॉम को फिर से प्रक्रिया शुरू करनी होगी, जो आसान नहीं होगा। इससे न केवल काम अटकेगा, बल्कि लागत बढ़ने का भी डर रहेगा। जीनस मीटरिंग कम्युनिकेशन को नोटिस दिया गया है।

03- बकाएदारों का पर्दाफाश हो
इस लापरवाही के लिए कंपनी के साथ-साथ अधिकारी भी दोषी हैं या नहीं, यह सामने आना ही चाहिए।

04- मीटर के तेज़ चलने का संदेह
स्मार्ट मीटर को लेकर 'तेज़ बिलिंग' की शिकायतें आ रही हैं, जिससे आम आदमी का भरोसा डगमगा रहा है। पारदर्शिता के लिए, डिस्कॉम को उपभोक्ताओं को इसकी वास्तविक स्थिति से अवगत कराने के लिए एक तंत्र तैयार करना होगा।

स योजना से व्यवस्था और जनता दोनों को लाभ होगा
1- स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड पर लगाने के बाद, उपभोक्ता को पहले उसे रिचार्ज कराना होगा। डिस्कॉम को अगर अग्रिम राशि मिल जाएगी, तो वे उत्पादन कंपनियों को समय पर भुगतान भी कर पाएँगे।
2- बिलिंग जारी करने और उसे वितरित करने की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।
3- उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 15 पैसे की छूट मिलेगी। दैनिक बिजली खपत और शुल्क (खर्च) की जानकारी उपलब्ध होगी।

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