"चूहों वाली माता" के नाम से प्रसिद्ध बीकानेर स्थित करणी माता मंदिर नवरात्रि के दौरान आस्था का केंद्र बन जाता है। यहाँ हज़ारों चूहों को पवित्र माना जाता है और सफ़ेद चूहे को देखना शुभ माना जाता है। राजस्थान के बीकानेर ज़िले में स्थित, "चूहों वाली माता" के नाम से भी प्रसिद्ध करणी माता मंदिर अपनी अनूठी पहचान के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है।
यह मंदिर साल भर भक्तों को आकर्षित करता है, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहाँ का माहौल पूरी तरह से भक्ति और उत्सव में डूबा रहता है। देवी दुर्गा का एक रूप मानी जाने वाली करणी माता की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जाती है। देवी दुर्गा का एक रूप मानी जाने वाली करणी माता नवरात्रि के भव्य आयोजन भी करती हैं। मंदिर की सबसे खास बात यहाँ रहने वाले हज़ारों चूहे हैं, जिन्हें "काबा" कहा जाता है। इन चूहों को देवी माँ का वंशज माना जाता है।
भक्तों की गहरी आस्था है कि ये चूहे पवित्र हैं और जो कोई भी इन सफ़ेद चूहों में से एक को देख लेता है, वह बहुत भाग्यशाली माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान, मंदिर परिसर एक अनोखे उत्साह से भर जाता है। देवी की विशेष आरती और पूजा की जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं। मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है, जिससे इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है। भक्त देवी को प्रसाद, मिठाई और नारियल चढ़ाते हैं, और कई लोग चूहों के लिए दूध और अनाज भी छोड़ते हैं। पूरा मंदिर परिसर भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चार से गूंजता रहता है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक शांति मिलती है। प्रिय पाठक, इस समाचार को पढ़ने के लिए धन्यवाद। यह समाचार केवल आपकी जागरूकता के लिए लिखा गया है। हमने इसे लिखने में सामान्य जानकारी का उपयोग किया है। इसके अलावा, यहाँ प्रदर्शित तस्वीरें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा बनाई गई हैं। ज़ी राजस्थान इनकी पुष्टि नहीं करता है।
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