राजस्थान के निजी अस्पताल मंगलवार से राजस्थान सरकारी स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) के तहत कैशलेस इलाज बंद नहीं करेंगे। सोमवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौर के साथ हुई बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया।
बैठक में सहमति
बैठक में सहमति बनी कि 31 मार्च 2025 तक लंबित दावों का भुगतान 31 जुलाई 2025 तक करने का प्रयास किया जाएगा। बजट की उपलब्धता के अनुसार 45 से 60 दिनों के बीच भुगतान करने का प्रयास किया जाएगा। योजना के विभिन्न प्रावधानों और प्रक्रियाओं को सुगम बनाने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी। न्यूनतम दस्तावेज़ीकरण प्रोटोकॉल अपनाया जाएगा। विभिन्न हितधारकों और सलाहकार समिति की सलाह के अनुसार 3 महीने में एसओपी को अंतिम रूप देने का प्रयास किया जाएगा।
980 करोड़ रुपये बकाया
इससे पहले, निजी अस्पताल संघ के अध्यक्ष डॉ. विजय कपूर ने बताया था कि राज्य के लगभग 1,000 निजी अस्पतालों पर आरजीएचएस योजना के तहत सात महीनों का लगभग 980 करोड़ रुपये बकाया है। डॉ. विजय कपूर ने कहा था कि हम सरकार से टकराव नहीं चाहते, लेकिन लाभार्थियों का इलाज रोकना हमारी मजबूरी बन गई है।
उन्होंने कहा था कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद न तो भुगतान किया गया और न ही उन्हें बातचीत के लिए बुलाया गया। डॉ. कपूर ने स्पष्ट किया था कि पूर्व घोषित निर्णय के अनुसार, मंगलवार से राज्य के सभी निजी अस्पतालों में आरजीएचएस योजना के तहत कैशलेस इलाज पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। हालाँकि, अब यह निर्णय स्थगित कर दिया गया है।
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