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अनशन के बाद अब नरेश मीणा का मौन व्रत शुरू, खुद बताई समर्थकों पर हाथ उठाने की वजह

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राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल हादसे में मारे गए बच्चों के परिवारों को मुआवज़ा दिलाने की मांग को लेकर नरेश मीणा का अनशन जारी है। मंगलवार को नरेश मीणा ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवज़ा दिलाने के लिए मौन व्रत भी शुरू कर दिया है। नरेश मीणा के साथ अनशन पर बैठे मृतक बच्चों के परिजनों ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे न्याय मिलने तक नहीं रुकेंगे।

सरकार की ओर से बातचीत का कोई न्योता नहीं

एनडीटीवी से बातचीत में नरेश मीणा ने लिखित रूप में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक सरकार की ओर से बातचीत का कोई न्योता नहीं मिला है, जिससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है। उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि सरकार बातचीत करे, ताकि पीड़ित परिवारों को न्याय और मुआवज़ा मिल सके। नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि उनके समर्थकों को धरना स्थल तक पहुँचने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस आंदोलन को ख़त्म करना चाहती है, लेकिन वे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी भगत सिंह सेना किसी राजनीतिक उद्देश्य से काम नहीं कर रही है और इसके तहत कोई चुनाव नहीं लड़ा जाएगा। यह मंच केवल सामाजिक मुद्दों को उठाने के लिए है।

हनुमान बेनीवाल का समर्थन मिला

नरेश मीणा ने बताया कि अब तक सिर्फ़ हनुमान बेनीवाल ने ही उनका समर्थन किया है, किसी और पार्टी या नेता का समर्थन उन्हें नहीं मिला है। यहाँ तक कि उनके पुराने साथी प्रह्लाद गुंजल भी उनके साथ नहीं आए हैं। समर्थकों पर गुस्सा ज़ाहिर करने के सवाल पर नरेश मीणा ने कहा कि उन्हें ख़ुद दुख होता है, लेकिन जब समर्थक अनुशासनहीनता दिखाते हैं, तो कभी-कभी उन्हें संदेश देने के लिए डाँटना, फटकारना या हाथ भी उठाना पड़ता है। उन्होंने माना कि ऐसा करके उन्हें ख़ुद बुरा लगता है, लेकिन अनुशासन बनाए रखना ज़रूरी है।

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