गुरुवार को सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों व एसपी से सीएम की चर्चा के दो घंटे बाद ही सरकार ने तनाव वाले जिलों में स्टाफ व संसाधन भेजना शुरू कर दिया है। कलेक्टरों ने रात को ही अपने-अपने जिलों में रिक्त पदों की स्थिति बता दी थी और रात एक बजे तक कुछ कार्मिक व संसाधन भेजे जाने शुरू हो गए। 9 आरएएस अधिकारियों के तबादले किए गए, जिसमें बीकानेर शहर उत्तर में एसडीएम कुणाल राहड़ व बज्जू में संदीप चौधरी को एसडीएम लगाया गया।
डीएलबी की ओर से इन जिलों में 28 कार्मिक भेजे गए, जिसमें नगर निगम में एक्सईएन मैकेनिकल नेहा गुप्ता व नोखा में प्रारूप अधिकारी प्रदीप सैनी को लगाया गया। इसके अलावा 15 दमकल वाहन भेजे गए। इसमें श्रीगंगानगर में 13, जैसलमेर में दो, फलौदी में 5, बाड़मेर में 15 व बालोतरा में पांच वाहन शामिल हैं। बीकानेर में अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र मीना को भेजा गया। इसके अलावा देशनोक में राजस्व अधिकारी द्वारिका प्रसाद व सुरेश कुमार को लगाया गया है। यानी कलेक्टर के सूचना देने के चंद घंटे बाद ही बीकानेर में 41 कार्मिक-अधिकारी तैनात कर दिए गए। सूत्रों का कहना है कि सीएमओ ने एक रात पहले ही करीब 600 रिक्त कार्मिकों की सूची भेजी थी।
निजी स्कूल भी मनमानी कर रहे हैं, विद्यार्थी छुट्टी पर, शिक्षकों को बुलाया जा रहा है। सरकार ने सीमावर्ती जिलों के सभी स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं। लेकिन निजी स्कूलों में पढ़ाई बंद होने के बाद भी स्टाफ को बेवजह बुलाया जा रहा है। सरकारी शिक्षक भी स्कूलों में दिनभर खाली बैठे रहते हैं। माना जा रहा है कि सरकार इमरजेंसी में इनका उपयोग कर सकती है, लेकिन निजी स्कूलों के शिक्षकों को बुलाने का क्या औचित्य है। निजी स्कूल शिक्षकों का कहना है कि जब विद्यार्थी ही नहीं आएंगे तो हमारा वहां क्या काम। 17 मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होने हैं, हमें 7 दिन बुलाकर स्कूल प्रबंधन को क्या हासिल होगा।
पीबीएम में इमरजेंसी आईसीयू तैयार
एसएसबी के अधीक्षक बदले : मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के अधीक्षक का चार्ज न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. दिनेश सोढ़ी को सौंप दिया गया है। बताया जा रहा है कि गुरुवार रात चिकित्सा शिक्षा सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग थी। इससे पहले दोपहर डेढ़ बजे चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डॉ. सोनाली धवन को हटाकर डॉ. दिनेश सोढ़ी को एसएसबी अधीक्षक का कार्यभार सौंपने के आदेश जारी किए। यह आदेश चिकित्सा हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। क्योंकि पिछले दिनों चिकित्सा शिक्षा सचिव बीकानेर दौरे के दौरान एसएसबी की हालत देखकर काफी नाराज हुए थे। हालांकि इस बदलाव को लेकर जारी आदेश में कारण नहीं बताया गया है।
चिकित्सा सचिव ने रात को सात घंटे वीसी की
भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे हमलों को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार ने गुरुवार रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों और अधीक्षकों से चर्चा की। उन्होंने अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड, पानी, बिजली, ऑक्सीजन और दवाइयों सहित संसाधनों की जानकारी ली। अस्पतालों में पीडब्ल्यूडी की चौकी तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए। पीबीएम अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि टिड्डी क्षेत्र मैदान के पास पीडब्ल्यूडी की चौकी है, जहां एईएन को बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी व्यवस्थाओं की रिपोर्ट 48 घंटे में राज्य सरकार को भेजने के आदेश हैं। पीबीएम अस्पताल में बना वॉर रूम, एमसीएच में 20 बेड का आईसीयू और 40 बेड का वार्ड तैयार भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार हो रहे हमलों को देखते हुए पीबीएम अस्पताल में घायलों और मरीजों के लिए आपातकालीन व्यवस्था की गई है। एमसीएच में 20 बेड का आईसीयू और 40 बेड का वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा 15 वेंटिलेटर भी लगाए गए हैं। ऑक्सीजन पाइपलाइन को चालू हालत में रखा गया है।
किसी भी आपात स्थिति में घायल और गंभीर मरीजों को यहां रखा जा सकेगा। इसके साथ ही ट्रोमा सेंटर, मेडिसिन कैजुअल्टी, हार्ट अस्पताल को अलर्ट मोड पर रखा गया है। डॉक्टरों की छुट्टियां पहले ही रद्द कर दी गई हैं। पीबीएम अस्पताल के मुख्य भवन में स्थित कंट्रोल रूम को वॉर रूम बनाया गया है। वहां छह नर्सिंग ऑफिसर की ड्यूटी लगाई गई है, जो 24 घंटे ड्यूटी पर रहेंगे। पीबीएम अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। डॉ. पीडी तंवर को एमसीएच का नोडल प्रभारी बनाया गया है। सुबह 8:00 बजे बीकानेर केईएम रोड पर अफरा-तफरी मच गई। शाम 7:00 बजे खाजूवाला में कर्फ्यू जैसे हालात हो गए। लोगों ने खुद ही बाजार बंद कर दिए।
भारत-पाकिस्तान के बीच हालात युद्ध जैसे हैं, लेकिन प्रशासन असमंजस की स्थिति में है। लेकिन इसमें भी देरी हो गई। जिला कलेक्टर ने शाम 7:00 बजे से बाजार बंद करने के आदेश दिए। हैरानी की बात यह है कि ये आदेश शाम 6:45 बजे जारी किए गए। अचानक लिए गए इस फैसले से शहर में अफरातफरी मच गई।
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