उत्तर भारत सहित राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे कई राज्यों में इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है। दोपहर के समय सड़कें सुनसान दिखती हैं और हवा में ऐसा तपिश भरा झोंका महसूस होता है मानो आग बह रही हो। यह वही प्राकृतिक आपदा है जिसे आम बोलचाल में ‘लू’ कहा जाता है – और इस बार यह अधिक तीव्र, खतरनाक और जानलेवा साबित हो रही है।भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, जब किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य से अधिक होता है, खासकर 40 डिग्री सेल्सियस के पार, और साथ में गर्म और शुष्क हवाएं चलती हैं, तो उस स्थिति को "लू" कहा जाता है। यह न केवल बीमार कर सकती है बल्कि लापरवाही बरतने पर जान भी ले सकती है।
क्या है 'लू'? क्यों कहते हैं इसे बहती आग?
‘लू’ को आमतौर पर गर्म और शुष्क पछुआ हवाओं के रूप में जाना जाता है, जो प्रचंड दोपहर के वक्त चलती हैं। तापमान जब 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच जाए और हवा में नमी लगभग ना के बराबर हो, तब शरीर की कूलिंग प्रणाली (पसीने के रूप में) काम करना बंद कर देती है। ऐसे में शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है और यही स्थिति ‘लू लगना’ कहलाती है।राजस्थान जैसे सूखे और रेगिस्तानी इलाकों में यह समस्या और भी गंभीर रूप ले लेती है। यही वजह है कि स्थानीय लोग इसे ‘बहती आग’ की उपमा देते हैं – क्योंकि यह सचमुच सांसों में जलन और त्वचा पर तपिश लेकर आती है।
लू लगने के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
यदि समय रहते लक्षणों को पहचाना न जाए तो लू लगना जानलेवा हो सकता है। इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
तेज़ बुखार (104°F से अधिक)
सिरदर्द और चक्कर आना
शरीर में कमजोरी और थकावट
अत्यधिक प्यास लगना और मुँह सूखना
त्वचा का लाल होना, गर्म और शुष्क महसूस होना (पसीना बंद होना)
उल्टी या मतली आना
बेहोशी या भ्रम की स्थिति
हृदयगति तेज़ होना
विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार लोगों को लू लगने का खतरा अधिक होता है।
लू से कैसे बचा जा सकता है? अपनाएं ये जरूरी उपाय
लू से बचाव के लिए सजग रहना और कुछ आसान उपायों को दिनचर्या में शामिल करना बेहद ज़रूरी है:
धूप में बाहर निकलने से बचें
सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में निकलने से बचें। यह समय ‘लू’ के चरम का होता है।
हल्के और ढीले कपड़े पहनें
सूती और हल्के रंग के कपड़े गर्मी को सोखते नहीं हैं और शरीर को राहत देते हैं।
पानी की कमी न होने दें
दिनभर भरपूर पानी पीते रहें, यहां तक कि अगर प्यास न भी लगे तब भी। नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी जैसे प्राकृतिक पेय बहुत लाभदायक हैं।
छाता, टोपी और चश्मा लगाएं
धूप में निकलते समय छाते, सनग्लास और कैप का उपयोग करें जिससे सिर व आंखें सुरक्षित रहें।
खान-पान का रखें ध्यान
तले-भुने और भारी भोजन से बचें। ताजे फल, सलाद और तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं।
गाड़ी में खड़े न रहें
किसी भी बंद वाहन में, विशेष रूप से पार्किंग में, बच्चों या पालतू जानवरों को बिल्कुल न छोड़ें।
घर में रखें ठंडक का इंतज़ाम
खिड़कियों पर पर्दे लगाएं, कूलर या पंखे का सही उपयोग करें और कमरे में हवा का प्रवाह बनाए रखें।
क्या करें अगर किसी को लू लग जाए?
अगर कोई व्यक्ति लू से प्रभावित हो जाए, तो तुरंत इन प्राथमिक उपायों को अपनाएं:
पीड़ित को तुरंत ठंडी और छायादार जगह पर ले जाएं
शरीर को ठंडा करने के लिए गीले कपड़े से पोछें या स्पंज करें
ORS घोल, नींबू पानी या नारियल पानी पिलाएं
यदि बेहोशी, तेज बुखार या सांस की तकलीफ हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या अस्पताल ले जाएं
सरकार और प्रशासन की भूमिका भी जरूरी
इस बार मौसम विभाग ने हीटवेव को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में ठंडे पानी के प्याऊ, मोबाइल हेल्थ यूनिट्स और एम्बुलेंस सेवाएं सक्रिय की जाएं। स्कूलों के समय में बदलाव और निर्माण कार्यों पर दोपहर के समय रोक जैसे निर्णय भी जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं।
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