राजस्थान के हनुमानगढ़ में बेहद विवादित इंदिरा गांधी नहर हत्याकांड में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। यह फैसला करीब चार साल बाद आया है। हनुमानगढ़ की एडीजे कोर्ट प्रथम ने मुख्य आरोपी रमेश स्वामी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, एक अन्य आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी ने पैसे हड़पने के लिए इस खौफनाक हत्या की साजिश रची थी।
क्या है पूरी कहानी?
घटना को याद करते हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक सुमन झोड़ा ने बताया कि आरोपी रमेश स्वामी ने 2021 में अपने परिचित विनोद से ₹15 लाख उधार लिए थे। ₹15 लाख हड़पने के इरादे से उसने एक खौफनाक साजिश रची। सीकर से लौटते समय उसने लखूवाली के पास इंदिरा गांधी नहर के किनारे पेशाब करने का बहाना करके अपनी कार रोकी और फिर अचानक कार को नहर में धकेल दिया।
कार में उसकी पत्नी और बेटी समेत चार लोग सवार थे
विनोद (जिससे उसने 15 लाख रुपये उधार लिए थे) कार में था। उसकी पत्नी रेणु, बेटी रशिता और परिचित सुनीता भाटी भी कार में थीं। हालाँकि, कार के नहर में गिरने के बाद, चारों डूब गए और दुखद रूप से उनकी मृत्यु हो गई। यह घटना पूरे जिले में सनसनीखेज चर्चा का विषय बन गई।
इस मामले में, अभियोजन पक्ष ने आरोपी रमेश स्वामी के लिए मृत्युदंड की माँग की थी। हालाँकि, सुनवाई पूरी होने के बाद, अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सह-अभियुक्त को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।
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