भोपाल । मध्य प्रदेश स्थापना दिवस की संध्या पर राजधानी भोपाल का आसमान तकनीक, संस्कृति और सृजनशीलता के अद्भुत संगम का साक्षी बना। लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित “अभ्युदय मध्यप्रदेश” समारोह में आयोजित भव्य ड्रोन शो ने राज्य की गौरवशाली विरासत से लेकर आधुनिक विकास यात्रा तक की झलक एक साथ प्रस्तुत की।
दरअसल, शाम सात बजे से शुरू हुए इस शो ने मात्र 15 मिनट में हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। “विरासत से विकास की ओर” थीम पर आधारित इस कार्यक्रम ने मध्य प्रदेश की आत्मा को आसमान में साकार कर दिया; परंपरा, प्रगति और नवाचार का ऐसा संगम, जिसने हर दर्शक के मन में गर्व और उत्साह भर दिया।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में 2000 ड्रोन का उपयोग एक साथ किसी आयोजन में हुआ है। शो के आरंभ में ड्रोन से उकेरे गए दृश्यों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। सबसे पहले भारत का मानचित्र बना, जिसमें मध्यप्रदेश को “देश के हृदय” के रूप में प्रदर्शित किया गया। इसके बाद प्रदेश के 55 जिलों का चित्रण हुआ, जो प्रदेश की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता को उजागर कर रहा था। फिर ड्रोन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की आकृतियाँ बनाईं, जो “विकसित भारत 2047” के दृष्टिकोण के साथ “अभ्युदय मध्यप्रदेश 2047” के लक्ष्य को जोड़ता प्रतीत हुआ।
इसके बाद जैसे ही आकाश में सूर्योदय का दृश्य बना, ड्रोन ने सुनहरे रंगों में “अभ्युदय मध्यप्रदेश 2047” लिखा, जिससे पूरा वातावरण आशा और ऊर्जा से भर उठा।
धर्म, संस्कृति और प्रकृति का समन्वय
ड्रोन शो का सबसे आकर्षक हिस्सा था महाकाल मंदिर और शिवलिंग की आरती का दृश्य। हजारों रोशनी से बने इन प्रतीकों ने मानो भोपाल के आसमान में उज्जैन की आध्यात्मिक छटा बिखेर दी। इसके बाद लोककला, मांडने और जनजातीय प्रतीकों की आकृतियाँ उभरकर आईं, जिन्होंने प्रदेश की लोकसंस्कृति की गहराई को दिखाया। जंगलों की भूमि मध्यप्रदेश की पहचान बने बाघ की छलांग, खेतों और सिंचाई के दृश्य, और उद्योग एवं एमपी इन्वेस्टर्स समिट के लोगो ने यह संदेश दिया कि राज्य परंपरा से निकलकर आधुनिक विकास की ओर दृढ़ता से बढ़ रहा है।
विकास की उड़ान; मेट्रो, हाइवे और विज्ञान का संगम शो के अगले हिस्से में ड्रोन ने राजमार्ग, मेट्रो ट्रेन, और हवाई जहाज का जीवंत चित्रण किया। यह दृश्य राज्य की तीव्र गतिशीलता और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का प्रतीक था। इसके साथ ही जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान का संदेश पूरे आसमान में उभरा, जिसने दर्शकों के मन में गर्व और देशभक्ति की भावना जगा दी। ड्रोन द्वारा निर्मित वेधशाला और “अलौकिक सिंहस्थ 2028” का दृश्य कार्यक्रम की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि दोनों को जोड़ने वाला साबित हुआ। अंत में “अभ्युदय मध्यप्रदेश” का भव्य लोगो बनते ही आसमान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कार्यक्रम स्थल से शो का लाइव प्रसारण पूरे राज्य में किया गया, जिससे लाखों लोगों ने इस दृश्य आनंद का अनुभव घर बैठे लिया।
लाल परेड ग्राउंड बना रोशनी और उत्सव का केंद्र
पूरे आयोजन स्थल को आकर्षक रोशनी और सजावट से जगमगाया गया था। मंच पर पारंपरिक नृत्य, लोकगीत और प्रदेश की विविध लोकसंस्कृतियों की झलकें प्रस्तुत की गईं। राज्य स्थापना दिवस के इस आयोजन ने तकनीकी चमत्कार के साथ-साथ प्रदेश के सांस्कृतिक गौरव और आत्मविश्वास को भी नई ऊँचाई दी। लाल परेड ग्राउंड पर उपस्थित हजारों लोगों ने कहा कि यह शाम मध्यप्रदेश के इतिहास में “विरासत से विकास” की यात्रा का प्रतीक बन गई है। ड्रोन के बाद जो श्री कृष्ण चरित्र की मोहन प्रस्तुति हुई, उसने तो जैसे हजारों दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कई दर्शकों की आंखों से आंसू तक झलकते हुए देखे गए। वहीं गायक जुबिन नौटियाल ने अंत तक लोगों को अपने गानों से मंत्रमुग्ध करके रखा।






