जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में आज जस्टिस संदीप शाह की कोर्ट में वर्ष 1998 के काला हिरण शिकार मामले की सुनवाई हुई। इसमें राज्य सरकार की ओर से दायर लीव टू अपील और सलमान खान की ओर से सजा के फैसले को चुनौती देने की याचिका शामिल है। इन दोनों पर एक साथ विचार हुआ। हालांकि, मामले में सरकारी वकील ने समय मांगा।
इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला अक्टूबर 1998 में जोधपुर के कांकाणी गांव में फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान काले हिरण के शिकार का है। इस केस में जोधपुर की सीजेएम कोर्ट ने 5 अप्रैल 2018 को सलमान खान को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा और 25 हजार रुपए जुमार्ना लगाया था।
जबकि, सह-आरोपी सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम और दुष्यंत सिंह को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया था। राजस्थान सरकार ने सह-आरोपियों की बरी के खिलाफ लीव टू अपील दायर की है। सरकार का कहना है कि सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम और दुष्यंत सिंह को बरी करना न्यायसंगत नहीं था। विश्नोई समुदाय, जो वन्यजीव संरक्षण में दृढ़ विश्वास रखता है, ने मूल शिकायत दर्ज करवाई थी।
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