जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ ने गुरुवार को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए नाबालिग लड़की को बालिका सुधार गृह भेजने का आदेश दिया। नाबालिग लडक़ी ने धर्म परिवर्तन कर निकाह कर लिया था। कोर्ट ने पुलिस को लडक़ी की सही उम्र और पूरे घटनाक्रम की जांच के निर्देश भी दिए हैं। दरअसल फरवरी में लडक़ी के परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार जब वह और उसका पति काम पर गए थे, तब एक मुस्लिम युवक उनकी लडक़ी को ले गया और जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह कर लिया। पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर परिजन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिले। उनके निर्देश पर पुलिस द्वारा अप्रैल में मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस सुनील बेनीवाल की खंडपीठ ने आज बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई की। लडक़ी ने कोर्ट के समक्ष ससुराल जाने की इच्छा जताई, लेकिन नाबालिग होने के कारण कोर्ट ने उसे जोधपुर बालिका गृह भेजने का निर्णय लिया। मामले में अगली सुनवाई 26 मई को होगी।
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